रेणुकूट में हुआ ट्रेन हादसा:जानिए किस हिंडाल्को कर्मचारी की  हुई  मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

kamlesh file photo :renukoot.shop
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तेज़ रफ्तार ट्रेन ने ली कर्मचारी की जान

रेणुकूट (सोनभद्र): सोमवार दोपहर रेणुकूट में एक हृदयविदारक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। हिंडाल्को इंडस्ट्रीज में कार्यरत एक कर्मचारी की ट्रेन से कटकर मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान उतर प्रदेश के करईल गांव निवासी कमलेश कुमार पासवान (उम्र लगभग 30 वर्ष) के रूप में हुई है।

मौके पर ही संदिग्ध ने तोड़ा दम

 यह घटना दोपहर के समय चाचा कॉलोनी के समीप घटी  रिपोर्ट्स के अनुसार   कमलेश हाईटेक की ओर जा रहे थे तभी एक तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए जिसकी टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कमलेश ने मौके पर ही दम तोड़ दिया स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना  दी।

पुलिस ने की शव की पहचान

घटना की जानकारी मिलते ही चौकी प्रभारी राजेश चौबे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर औपचारिक कार्रवाई शुरू की। मृतक की पहचान उसके मोबाइल फोन से की गई। कमलेश रेणुकूट में हाईटेक कार्बन प्लांट के पास किराए के मकान में रहते थे।

कमलेश का परिवार

कमलेश हिंडाल्को के सप्लाई विभाग में कार्यरत थे। खास बात यह है कि उनके पिता भी हिंडाल्को में ही कार्यरत हैं और रेणुकूट में ही निवास करते हैं। कमलेश की पत्नी और एक साल का बेटा फिलहाल उनके पैतृक गांव में रहते हैं। हादसे की सूचना मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया है। उनका मासूम बेटा अब पिता की छाया से वंचित हो गया है।

शव का पोस्टमॉर्टम तथा मामले की जांच

पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच की जा रही है। परिजनों को सूचना देकर पुलिस चौकी बुलाया गया। इस हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।

स्थानीय लोगों ने उठाई सुरक्षा की मांग

स्थानीय लोगों ने इस हादसे को लेकर गहरा दुख जताया है और प्रशासन से मांग की है कि रेलवे ट्रैक के पास सुरक्षा के उचित प्रबंध किए जाएं, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इस घटना के पश्चात स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक के पास सुरक्षा के उचित प्रबंध के लिए प्रशासन से मांग की है परंतु प्रशासन में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किया यह पहली दुर्घटना नहीं है इससे पहले भी कई दुर्घटना घटित हो चुके हैं लेकिन प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की|

एक ज़िंदगी गई, कई सवाल छोड़ गई

कमलेश की असामयिक मृत्यु ने उनके परिवार को तोड़ कर रख दिया है। यह हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि रोज़मर्रा की दौड़-भाग में हम कितने असुरक्षित हो चले हैं। अब देखना यह है कि प्रशासन इस दुखद घटना से क्या सबक लेता है और आगे की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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