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UP IT City Project 2025 और वाराणसी टाउनशिप योजना: किसानों को मिलेगा बड़ा मुआवजा, आधुनिक विकास की दस्तक

By: ashu kumar

On: June 11, 2025

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उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल विकास को नया आयाम देने जा रही है। इस दिशा में दो बड़े प्रोजेक्ट्स – बुलन्दशहर का IT City Project 2025 और वाराणसी की नई टाउनशिप योजना – न सिर्फ आर्थिक गतिविधियों को गति देंगे बल्कि किसानों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होंगे।

बुलन्दशहर में IT City Project 2025: गांवों की जमीनें बदलेंगी डिजिटल शहर में

उत्तर प्रदेश का बुलन्दशहर जिला अब देश के आधुनिक आईटी हब के रूप में उभरने वाला है। IT City Project 2025 के तहत राज्य सरकार मास्टर प्लान 2041 के अंतर्गत इस जिले के 55 गांवों की भूमि का अधिग्रहण करने जा रही है।

सरकार ने इस भूमि अधिग्रहण के लिए 4300 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर तय की है, जो कि किसानों के लिए एक बड़ा मुआवजा माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मुआवजा किसानों को सीधे तौर पर उनके खातों में दिया जाएगा ताकि वे स्वयं भी विकास की इस प्रक्रिया में भागीदार बन सकें।

यह योजना राज्य की डिजिटल संरचना को सशक्त बनाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के उद्देश्य से लाई गई है।

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा में वृद्धि: अब मिलेंगे 5 लाख रुपये तक

सरकार ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। बजट 2025 में किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को बढ़ाकर अब 5 लाख रुपये कर दिया गया है।

इससे पहले यह सीमा 3 लाख रुपये थी, लेकिन लगातार बढ़ती लागत और किसानों की जरूरतों को देखते हुए इसे बढ़ाना जरूरी हो गया था। इससे छोटे और मझोले किसान अब आसानी से उन्नत खेती, बीज, खाद और सिंचाई जैसी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।

वाराणसी के गंजारी क्षेत्र में नई टाउनशिप का निर्माण: खेल, रहन-सहन और व्यवसाय का नया केंद्र

वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गंजारी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास एक नई स्मार्ट टाउनशिप विकसित करने की योजना शुरू की है।

इस टाउनशिप में निम्नलिखित सुविधाएं प्रस्तावित हैं:

  • खेल अकादमी
  • मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
  • होटल व रेस्तरां
  • ग्रुप हाउसिंग (समूहिक आवास)
  • व्यावसायिक व कार्यालय स्थल

वीडीए अधिकारियों ने किसानों से संवाद कर उन्हें योजना की जानकारी दी। लगभग 267 किसानों की जमीन और 1100 आराजी नंबर अधिग्रहित किए जाएंगे। हालांकि, यह संख्या आगे बढ़ भी सकती है।

मुआवजा दर और अधिग्रहण प्रक्रिया: सरकार ने तय की उच्च दर

गंजारी क्षेत्र में जमीन का सर्किल रेट मात्र 200-250 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। लेकिन किसानों के हितों को देखते हुए वीडीए ने यह दर बढ़ाकर 2100 रुपये प्रति वर्ग मीटर करने का प्रस्ताव रखा है।

इसके साथ ही, जिन किसानों की भूमि बड़े पैमाने पर अधिग्रहित की जा रही है, उन्हें प्रति बिस्वा 25 से 27 लाख रुपये तक की दर से मुआवजा दिए जाने की भी स्वीकृति मिल चुकी है।

यदि कोई किसान यह मुआवजा नहीं लेना चाहता, तो जिला प्रशासन की मदद से उसकी जमीन का प्रशासनिक अधिग्रहण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के निर्देश से शुरू हुई योजना: विकास और जनहित दोनों को प्राथमिकता

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद वाराणसी के गंजारी क्षेत्र का निरीक्षण किया और वहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास भूमि अधिग्रहण और आधुनिक टाउनशिप के निर्माण का निर्देश दिया।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसानों से सीधे संवाद कर बाजार दर पर जमीन खरीदी जाए ताकि उन्हें नुकसान न हो और वे भी विकास की मुख्यधारा में जुड़ें। मंडलायुक्त एम. राजलिंगम ने भी किसानों के हितों को देखते हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

रोजगार और स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा

इन दोनों परियोजनाओं – IT City और वाराणसी टाउनशिप – से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। टाउनशिप में बनने वाली स्पोर्ट्स अकादमी, होटल और व्यवसायिक केंद्र स्थानीय युवाओं को स्किल आधारित नौकरियों के अवसर प्रदान करेंगे।

साथ ही, सड़क, बिजली, पानी और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाओं के विस्तार से पूरे क्षेत्र में आधुनिक जीवनशैली का प्रवेश होगा।

किसानों को नहीं सिर्फ मुआवजा, बल्कि भविष्य की गारंटी

उत्तर प्रदेश में चल रहे ये दो बड़े प्रोजेक्ट्स – IT City Project 2025 और वाराणसी स्मार्ट टाउनशिप – राज्य के शहरीकरण और औद्योगीकरण को नई दिशा देने जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन योजनाओं में किसानों को सिर्फ मुआवजा नहीं दिया जा रहा, बल्कि उन्हें पूरे सम्मान के साथ विकास का भागीदार भी बनाया जा रहा है।

जहां एक ओर सरकार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रही है, वहीं दूसरी ओर गांवों को भी शहर जैसी सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। यह “नया उत्तर प्रदेश” सिर्फ इमारतों से नहीं बनेगा, बल्कि किसानों की समृद्धि और सामूहिक भागीदारी से आकार लेगा।


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